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Thursday 10 December 2015

शायरी के नाम पर, कलयुग के भूत | hindi kawita | hindi sher | shayri





hindi kawita | hindi sher | shayri  

शायरी के नाम पर, कलयुग के भूत
किसी गन्दे शायर की गन्दी शायरी के दूत
जब आयेगा मैदान में
तो गीला , पीला हो जायेगा
किसी धूर्त के धूर्त |
                                         लेखक : - यतेन्द्र सिंह

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